है अंधेरी रात पर पथ पर अभी चलना है अगर पाँव मेरा लरखरा भी जाये तो फिर मुझे संभलना है अभी तो बस सफर की सुरुआत की है मंजिल तक पहुंचना ही है डगर कठिन है,दुर्गम है पर नजर की धार तीक्ष्ण रखना ही है चाहे जो भी दे व्यथा प्रकृति सारी व्यथा को सह लेना है एक दिन निःसंदेह कोरोना महामारी पर विजय पताका हमें ही फहराना है। @Kavi Suman #India will be winner definately