कभी बैठा खुले आसमा के नीचे... इन बहती हवाओमे कही, यूही घुल जाता हू... उल्झणे हजार जिंदगी कि, थोडी परे रख देता हू... बादलों परे ठहरी उस चांदनिसे, कुछ बातें करता हू... इन रंगो भरी रातोमे, रंज जिंदगीके भूल जाता हू... कुछ पल सुकून के मै, यूही इस वक्त से चुराता हू... कुछ पल सुकून के मै, यूही इस वक्त से चुराता हू... #wobaateunkahi #yqaestheticthoughts #latenightquotes #life #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #midnightthoughts