एक बार रोका होता तो शायद रुक भी जाते बात मनाने की कोशिश करते तो शायद मान भी जाते सिर झुका कर इनकार कर देते तो शायद लबों को रोक भी लेते पर अहंकार में नजरे उठा उंगली हम पर दिखा जताते तो कैसे हम अपनी ही निर्दोष ख्वाहिशों का गला घोंट देते । तुम ही बताओ कैसे प्रेम की बात यदि प्रेम से करते तो शायद रुक भी जाते । कोशिश आखिरी हद तक करते तो शायद ..... Ajain_words ©Ajain_words #ajainwords @ajain_words