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अश्क अश्क सा बह गया, मैं मजबूत होकर मजबूर सा ढह गय

अश्क अश्क सा बह गया,
मैं मजबूत होकर मजबूर सा ढह गया..!
मन के राज़ न बाँटना किसी से,
मेरे साया ये मुझसे कह गया..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #sadak #dhahgya