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मैं हर रात तोड़ती हूँ रिश्ता तुझसे , मुझे हर सुबह

मैं हर रात तोड़ती हूँ
 रिश्ता तुझसे ,
मुझे हर सुबह तेरी
 हसरत हो जाती है।
तू ही बता,मैं तुझे सामने
 बैठाकर तुझसे कैसे लडूँ,,
तू ही बता,मैं तुझे सामने 
बैठाकर तुझसे कैसे लडूँ;
मैं जब जब तेरी 
आँखों में देखती हूँ ना,
 मुझे फिर से तुझसे 
मोहब्बत हो जाती है।।।

©ziya khan #happycouple love publications
मैं हर रात तोड़ती हूँ
 रिश्ता तुझसे ,
मुझे हर सुबह तेरी
 हसरत हो जाती है।
तू ही बता,मैं तुझे सामने
 बैठाकर तुझसे कैसे लडूँ,,
तू ही बता,मैं तुझे सामने 
बैठाकर तुझसे कैसे लडूँ;
मैं जब जब तेरी 
आँखों में देखती हूँ ना,
 मुझे फिर से तुझसे 
मोहब्बत हो जाती है।।।

©ziya khan #happycouple love publications
muskankhan9715

ziya khan

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