मैं हर रात तोड़ती हूँ रिश्ता तुझसे , मुझे हर सुबह तेरी हसरत हो जाती है। तू ही बता,मैं तुझे सामने बैठाकर तुझसे कैसे लडूँ,, तू ही बता,मैं तुझे सामने बैठाकर तुझसे कैसे लडूँ; मैं जब जब तेरी आँखों में देखती हूँ ना, मुझे फिर से तुझसे मोहब्बत हो जाती है।।। ©ziya khan #happycouple love publications