हम जाकर सुनाएँ किसे, दास्ताने-दिल। सदियों से सूना पड़ा है, आस्ताने-दिल। क्या होगा न कभी , शबे-फुरक़त का सवेरा, क्या आएगा न कोई कभी, आजमाने दिल। क़ाश कोई अपना भी, होता जहान् मे, विशाले-यार मे धड़कता, शादमाने - दिल। OPEN FOR COLLAB✨ #ATredheartbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 🤗 Let's connect on Insta. Link in BIO. 🤗 Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts