White रूह बेघर करने की चाह मे है एक शख्स जिस्म को मारने की चाह मे है पहुच गया ये कैसी कश्मकश मे ये एक शख़्स अपने भीतर के समुंदर को पीने की चाह मे है बेहाल तानो से है, हारा अपनो से है दिखता नही अब जीने का रास्ता अपने भीतर छुपे शख़्स को मारने की चाह मे है अंततः थक गया समाज से जूझते हुए हाथ जोड खड़ा है भगवान को मनाते हुए फिर भी तन्हा आज खुद से हारा हुआ जिस्म को शम्शान ले़ जाने की चाह मे है एक शख़्स.... ©Dr. Kritika Joshi (psycwriter) #diwali_wishes #Joshikritika #Drkritikajoshi #kritikajoshi अच्छे विचारों आज का विचार सुप्रभात 'अच्छे विचार'