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"रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय टूटे से फिर ना

"रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय टूटे से फिर ना जुड़े जुड़े गांठ पड़ जाए|"
रहीम जी कहते हैं किक्षणिक आवेश में आकर प्रेम रुपी नाजुक धागे को कभी नहीं तोड़ना चाहिए। क्योंकि एक बार अगर धागा टूट जाये तो पहले तो जुड़ता नहीं और अगर जुड़ भी जाए तो उसमे गांठ पड़ जाती है।
(रहीम के दोहे)

©NIKHIL PATEL  लव कोट्स लव कोट्स
"रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय टूटे से फिर ना जुड़े जुड़े गांठ पड़ जाए|"
रहीम जी कहते हैं किक्षणिक आवेश में आकर प्रेम रुपी नाजुक धागे को कभी नहीं तोड़ना चाहिए। क्योंकि एक बार अगर धागा टूट जाये तो पहले तो जुड़ता नहीं और अगर जुड़ भी जाए तो उसमे गांठ पड़ जाती है।
(रहीम के दोहे)

©NIKHIL PATEL  लव कोट्स लव कोट्स
nikhilkumar1602

NIKHIL PATEL

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