ना देखा था, ना जाना था, मानवता के रस को चखा, तब राम को पहचाना था, राम में रम जाऊँ, ऐसा कुछ कर जाऊँ, राम ऊर्जा है, राम योग है, ज़न - ज़न के रोगों को करता निरोग है, राम शक्ति है, राम भक्ति है, राम नाम से ही मिलती मुक्ति है, राम रूप में इन्सान है, मन्दिर, मस्जिद सब मै समान है, राम को मानो, ना मानो, इस ज़मीं पर मानवता समझनी है, तो राम को पहले पहचानो।। Shaivya #राममन्दिर