*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘*“9/11/2021”*📝 ✨*“मंगलवार”*🌟 हम कब “उचित कार्य” करते है, कब “अनुचित कार्य” करते है, कब “पुण्य” करते है और कब “पाप” करते है, कब “उचित मार्ग” पर चलते है और कब “अनुचित मार्ग” पर चलते है ? ये दो ही “व्यक्ति” समझ सकते है “परमात्मा” और “अंतरात्मा”, अब “हर क्षण” क्या हो रहा है ये सब “परमात्मा” जानते है,उनसे भला क्या “छिपा” है ? किंतु हर क्षण आपको क्या करना है ये आपको आकर सदैव नहीं बताने वाले,इसलिए हमारे भीतर “अंतरात्मा” है हमारी “चेतना( मन) का एक भाग”, कभी “आंख” बंद किजिए और अपनी “अंतरात्मा” में झांकने का प्रयास किजिए,कभी समझने का प्रयास किजिए कि “अंतरात्मा” आपको सदैव “अच्छा कार्य” करने के लिए प्रेरित करती है और “बुरा कार्य” करने से रोकती है, तो इस “अंतरात्मा की बात” मानते जाइए, “परमात्मा” भी सदैव आपके “निकट” आएंगे, *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“9/11/2021”*📝 ✨ *“मंगलवार”*🌟 *#“उचित कार्य”* *#“अनुचित कार्य”*