बीतराग कैसे होते हो रंग समर्पण कर देते हो भान तुम्हें भी रहता होगा मन तिल तिल कर जलता होगा, लिख लेते नूतन परिभाषा पढ़ लेते मन की अभिलाषा मिट जाते संत्रास हृदय के जुड़ जाते अनुबंध नये से रच लेता मधुमास फिर कोई प्रपंच आतुर मन ढूंढता प्रिय आलंभ भावों से जुड़ जाते कितने ही छंद मन खो जाता होकर मलंग "अमलतास" तुम क्यों झरते हो बीतराग कैसे होते हो।।🍀🍀 प्रीति #अमलतास #अनकही #विरक्त #अनुरक्त #मधुमास #आलंभ(स्पर्श करना) #yqhindiquotes #nopowrimo