इस आलम से एक दिन तुम्हे जाना तो जरूर है डर कर कश्मकश से तुं इतना भागता क्यों दूर है सांस भी उदार लिए फिर किस बात का ग़रूर है तुं चलता चल अज़नबी तेरी मंजिल अभी दूर है ਨਿਸ਼ਾਨ ਘੜਸਾਂਣਾ