जीते जी तू किसी सहारे की तलाश न करना, चार ग़म जो आए तो ख़ुद को निराश न करना, हिम्मत न हारना तू लड़ लेना अपने ही दम पे, मरने पर देतें हैं काँधा, जीतें जी तू इंतज़ार न करना। मत करना इंतज़ार तू किसी काँधे का के ज़िंदा को काँधा देने का यहाँ रिवाज़ नहीं, ज़िंदा देह की कोई कद्र होती नहीं यहाँ, आतें हैं सब जब देह में कोई आवाज़ नहीं। #hindipoetry #quoteoftheday #nazarbiswas