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"माला मुद्रा तिलक छापा, तीरथ बरत में रिया भट्की ¡

"माला मुद्रा तिलक छापा, तीरथ बरत में रिया भट्की ¡
गावे बजावे लोक रिझावे, खबर नही अपने तन की "
अर्थात् : कबीर साहेब जी कहते हैं माला पहनने, तिलक लगाने, व्रत रखने और तीर्थ करने से जीव का अध्यात्मिक कल्याण नहीं होगा ¡

©komaltiwari #कबिर के दोहे
"माला मुद्रा तिलक छापा, तीरथ बरत में रिया भट्की ¡
गावे बजावे लोक रिझावे, खबर नही अपने तन की "
अर्थात् : कबीर साहेब जी कहते हैं माला पहनने, तिलक लगाने, व्रत रखने और तीर्थ करने से जीव का अध्यात्मिक कल्याण नहीं होगा ¡

©komaltiwari #कबिर के दोहे
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