जहाँ बस प्यार ही प्यार हो सबके दिलों में, एक ऐसा सपनों का शहर बसाना है, ना हो कोई छोटा-बड़ा, ना हो कोई धर्म-मजहब की दीवार बस प्यार से सजाना है। ईर्ष्या, द्वेष व नफरत का ना हो कोई नामोनिशान, सबके दिलों में प्यार जगाना है, प्रेम और विश्वास की नीव पर बनी हो हर घर की दीवारें एक ऐसा शहर बनाना है। A challenge by Collab Zone🌟 ✔️समय - २५ फरवरी शाम ५ बजे तक ✔️ ४-६ पंक्तीयो में ही रचना लिखनी है । ✔️Collab करने के बाद कमेंट में done लिखना है । वरना हमारी नजरों से आपकी रचना छूट सकती हैं ।