बांध लें हाथ पे, सीने पे सजा लें तुमको, जी में आता है कि तावीज़ बना लें तुमको। जान देने की इजाज़त भी नहीं देते हो, वरना मर जाएं,अभी मर के मना लें तुमको। इस क़दर तुम पे "हमें" टूट के प्यार आता है, "अपनी" बाहों में भरें, मार ही डालें तुमको। #आला_हज़रत_जिंदाबाद#