स्पष्टवादिता सौहार्द को दर्शाये वहि वास्तविक मन का मंदिर है, विश्वास रख सुनेंगे तेरी भी न बाग लगा अल्लाह न मूक न बधिर है, शिष्टाचार,सद्व्यवहार,सदवृति रख अन्तरात्मा के खालिस्तान में, जो देख अव्यवस्था को न विचलित हो वही वास्तविक अर्थ में धीर है। 🎀🎀 नमस्ते दोस्तों ! 🎀🎀 💝 प्रतियोगिता - ४२ 💝 शीर्षक दिया गया है उसी के अनुसार ही लिखें । 💝 मात्र चार पंक्तियां में अपनी रचना को लिखें ! 4 पंक्तियां से कम या फिर ज्यादा लिखने वाले प्रतियोगिता को इस कंपटीशन मैं एक हिस्सा बनाया नहीं जाएगा ।