Year end 2023 एक और बरस बीत गया। खट्टे मीठे यादों का जत्था पीछे छुट गया। सपना कांच सा टूट कर रह गया। देखते-देखते एक और बरस बीत गया।। मेहनत और किस्मत दोनों दगा कर गया। लोगों का बदलता अंदाज दिख गया। बिना कुछ दिए ये बरस भी बीत गया।। ©Supriya Jha #byebye2023