कागज की कश्तियो में क्या खूब तैरती थी कभी जिंदगी हमारी दिवानी हुआ करती थी जब सपनो के नगर में अपना राज हुआ करता था मायूसी गुम थी खुशी हमारी रानी हुआ करती थी इक इक तकलीफ से बचने का हल पता था राजमाता इक सफ़ेद बालो वाली नानी हुआ करती थी अब तो किसी कोने में गुमसुम बैठी है मिलती नही कभी रोज जिंदगी से नोक झोंक छेड़खानी हुआ करती थी हम सफ़र पर निकले, काग़ज़ की कश्तियों में... #काग़ज़कीकश्ती #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi