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खींचकर तस्वीर आंखों से बनाकर प्रेम का दर्पण। ज

खींचकर तस्वीर आंखों से 
बनाकर  प्रेम  का  दर्पण।
जहां  चाहे  वहां  कर  लूं,
 मैं  उसके  रूप  का दर्शन।

चांद  सी  धरती  पर जैसे,
 श्याम  रंग  के  कुंज  बन।
रंग  कलियों  के  चहकते, 
खिल रहे  हो जैसे उपवन। 

श्वेत  चंदन  सी  महकती ,
बहती  ख़ुशबू  की  पवन। 
सब आरती  उसकी उतारे ,
 मिल चांद तारे और गगन।

©Anuj Ray
  #खींचकर तस्वीर आंखों से..
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator

#खींचकर तस्वीर आंखों से.. #कविता

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