White यह सफर है बस यूंही चलता रहेगा ... यहां रस्ते से रस्ता निकलता रहेगा !! हैं मुसाफिर, यहां एक जैसे सभी ... अपनी मंजिल पे आकर ठहरता रहेगा!! अपने ख्वाबों को लेकर न मायूस हो यह तो सूरज है ढलता - निकलता रहेगा!! हर कली गुल बनेगी समय साथ के हर चमन का तो मौसम बदलता रहेगा!! दर्द तेरा है इसका शिफा (इलाज़) तू ही बन किसकी रहमत पे कब तक तू पलता रहेगा!! *(SP GAUTAM) ©gautam gautam सफर