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महरूम थे हम कभी, इश्क़-ए-बारिश से। दिल में दस्तक दी

महरूम थे हम कभी, इश्क़-ए-बारिश से।
दिल में दस्तक दी उसने, इक गुजारिश से। 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR
Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाएँ ।

💐अपने भाव 2 लाईनों में लिखें ....
(2 लाइन्स couplet / मिसरा ऊर्दू शायरी)

💐 Font size छोटा रखें ताकी wall 
paper खराब न हो ।
महरूम थे हम कभी, इश्क़-ए-बारिश से।
दिल में दस्तक दी उसने, इक गुजारिश से। 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR
Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाएँ ।

💐अपने भाव 2 लाईनों में लिखें ....
(2 लाइन्स couplet / मिसरा ऊर्दू शायरी)

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