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*हिंदी की दर्द भरी कहानी* मैं हिन्दी हूँ मुझसे ज्

*हिंदी की दर्द भरी कहानी*

मैं हिन्दी हूँ मुझसे ज्यादा अभागा कोई नहीं होगा जानते हो क्यों कि मेरा हाल उसके जैसा हो गया जो घर का मालिक तो है पर घर पर उसका कोई राज नहीं । मैं भी भाषाओं का तो राजा हूँ , पर मेरा कोई अधिकार नहीं सिर्फ नाम का रह गया हूँ राष्ट्र भाषा हिंदी खाने के कोई और दांत और दिखावे कोई और दांत लोग सिर्फ झूठ में मुझे राष्ट्र भाषा का दर्जा दे रखें हैं । हर स्कूल कॉलेजों से मुझे ऐसे बाहर निकाला जा रहा है जैसे कि मैं कोई भूत हूँ।  हर बच्चा  अंग्रेजी में बोले  लोगों की ये सपना होती है। अगर कोई मुझे बोल लेता है तो उसका अपमान हो जाता है। हर कोई मुझे साधारण भाष समझ कर मुझसे दूर ही होते चले जा रहें हैं। अब हर किसी को तो अंग्रेजी चाहिए । तो फिर मुझे क्यों राष्ट्रीय भाषा बना के रखे हो मैं कोई घंटा हूँ जो मुझे बजाने के लिए रखे हो या फिर मूर्ख समझकर मुझे मूर्ख बना रहे हो । तुमलोगों को इतना मेरा अपमान करने के बावजूद भी कलेजा को ठंडक नहीं मिला जो मेरा विश्व  हिंदी दिवस बनाकर मेरी जख्मों पे नमक छिड़कते हो । जिसे अपने ही घर में इज्जत न मिले उसे दूसरे भला क्या इज्जत देंगे। मेरा अपमान करना बंद करो पूरे राष्ट्र में हिंदी का प्रचलन करो नहीं तो मुझे राष्ट्र भाषा की कुर्सी से उत्तार दो मैं तंग आ गया हूँ इस कुर्सी पर बैठकर मेरी दर्द को समझों ।



             *पूरे भारत में हो हिंदी का सम्मान  है, हमारी पुकार*
              हर गली हर राज्य में हो हिंदी का गुणगान है, हमारी पुकार
              और न होने देंगे हिंदी का अपमान हमने लिया है ठान।।
                                *जय हिंदी राष्ट्र भारत*

                         ✍️ जयप्रकाश कुमार निराला #hindi ki kahani# 

#reading  Anjali
*हिंदी की दर्द भरी कहानी*

मैं हिन्दी हूँ मुझसे ज्यादा अभागा कोई नहीं होगा जानते हो क्यों कि मेरा हाल उसके जैसा हो गया जो घर का मालिक तो है पर घर पर उसका कोई राज नहीं । मैं भी भाषाओं का तो राजा हूँ , पर मेरा कोई अधिकार नहीं सिर्फ नाम का रह गया हूँ राष्ट्र भाषा हिंदी खाने के कोई और दांत और दिखावे कोई और दांत लोग सिर्फ झूठ में मुझे राष्ट्र भाषा का दर्जा दे रखें हैं । हर स्कूल कॉलेजों से मुझे ऐसे बाहर निकाला जा रहा है जैसे कि मैं कोई भूत हूँ।  हर बच्चा  अंग्रेजी में बोले  लोगों की ये सपना होती है। अगर कोई मुझे बोल लेता है तो उसका अपमान हो जाता है। हर कोई मुझे साधारण भाष समझ कर मुझसे दूर ही होते चले जा रहें हैं। अब हर किसी को तो अंग्रेजी चाहिए । तो फिर मुझे क्यों राष्ट्रीय भाषा बना के रखे हो मैं कोई घंटा हूँ जो मुझे बजाने के लिए रखे हो या फिर मूर्ख समझकर मुझे मूर्ख बना रहे हो । तुमलोगों को इतना मेरा अपमान करने के बावजूद भी कलेजा को ठंडक नहीं मिला जो मेरा विश्व  हिंदी दिवस बनाकर मेरी जख्मों पे नमक छिड़कते हो । जिसे अपने ही घर में इज्जत न मिले उसे दूसरे भला क्या इज्जत देंगे। मेरा अपमान करना बंद करो पूरे राष्ट्र में हिंदी का प्रचलन करो नहीं तो मुझे राष्ट्र भाषा की कुर्सी से उत्तार दो मैं तंग आ गया हूँ इस कुर्सी पर बैठकर मेरी दर्द को समझों ।



             *पूरे भारत में हो हिंदी का सम्मान  है, हमारी पुकार*
              हर गली हर राज्य में हो हिंदी का गुणगान है, हमारी पुकार
              और न होने देंगे हिंदी का अपमान हमने लिया है ठान।।
                                *जय हिंदी राष्ट्र भारत*

                         ✍️ जयप्रकाश कुमार निराला #hindi ki kahani# 

#reading  Anjali