White काफी बातें हो चुकी प्यार औ इश्क़ इबादत की आज कर लेते हैं ना बच्चों वाली शरारत की बालदिवस के एक दिन पहले एक बच्चे का अवतरण हुआ जो बिस्तर पे पड़ा अंगूठे को मुंह पे लगाया हुआ नन्हें नन्हें पदों से चलने की चाहत करता गिरता उठने की हिम्मत नहीं तो चिल्लाकर रोने लगता मां आती, सहलाती, दूध पिलाती और सुला देती पिता आता, गाल किस करता फिर काम पे जाता चाचू आए मारके रुलाए बुआ फिर चुप कराए दादी का क्या मालिश करे और दुलार लुटाए बाबाजी से तुतलाए एक भी बात समझ न आए फिर भी हा हूं करके सिर हिलाएं हाथ पकड़ नचाए ©Writer L B Yadav #flowers प्रेम कविता हिंदी कविता