तेरा मृगनयनी सी कटीली आंखों में काजल लगाना गजब ढा गया। तेरी नजरों का जादू मुझे पागलपन की हद तक दीवाना कर गया। बिना कुछ कहे हाल-ए-दिल सारा का सारा मुझसे बयां कर गया। उलझते ही जा रहें हैं, तेरी नजरों के हसीन प्यार के जाल में हम। आईना भी देखते हैं, तो हमारा नहीं, तुम्हारा ही चेहरा नजर आता है। तेरा प्यार रूह में उतरा इस कदर, कि हर कहीं तू ही तू नजर आता है। मुश्किल है तेरे बगैर जीना अब जिंदगी में, अपना बना लूं तो चैन मिले। पीते रहेंगें ताउम्र तेरी नजरों के जाम, अगर साथी तुम मेरे नशीले बनो। 👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 15. है, आप सब को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..! 👉 आप अपनी रचनाओं को आठ पंक्तियों (8) में लिखें..! 👉Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें,और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..! 👉 प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम समय सीमा कल सुबह 11 बजे तक की है..!