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वक्त......... वक्त निकाल गया आगे , और बहुत कुछ पीछ

वक्त.........
वक्त निकाल गया आगे ,
और बहुत कुछ पीछे छूट गया,
रह गया अधूरा जो घर ख्यालों में बनाया था,
किसी के साथ देखा वो हर एक सपना टूट गया।
बदल गया है अब बहुत कुछ,
पहले जैसा कुछ रहा नही,
ऐसा मुश्किल से ही कोई दिन बीतता था,
जब कोई आंसू आंख से बहा नहीं।
कहने को कह देते हैं बड़ी आराम से लोग
की वक्त के तुम साथ चलो,
असल जिंदगी में कोई देता नही है साथ 
 बस दिखावे का लेके तुम हाथो में हाथ चलो।
प्यार से बांधा था जो रिस्तो का धागा,
 वो जरा सी पकड़ में टूट गया,
बस खुद के सपने सजाने में,
 हर अपना मुझसे रूठ गया,
रह गया अधूरा जो घर ख्यालों में बनाया था,
किसी के साथ देखा वो हर एक सपना टूट गया,
वक्त निकल गया आगे और बहुत कुछ पीछे छूट गया।
जो करना था वो कर ना पाए,
तब क्या पता था ये बस कुछ पल का है खेल,
सबक सीखना था सबसे बड़ा,
तभी तो हुआ था बेजान रिस्तो से मेल।
खो चुके थे हम खुद को ही,
और ये  जानना ही बाकी था,
जहर जिंदगी में मिलाने के लिए,
सांपो को पालना ही काफी था।
जिसको भी माना हमने सही,
वही हमसे गद्दारी करने कूद गया,
किसको कहे अपना, 
अब तो अपनो से ही विश्वाश उठ गया।
रह गया अधूरा जो घर ख्यालों में बनाया था,
किसी के साथ देखा वो हर एक सपना टूट गया,
वक्त निकल गया आगे और बहुत कुछ पीछे छूट गया।

©Kusu Simran #वक्त #Waqt #kusum #kusu_simran #Pichhe #tut #Aage #Anjane #my 

#adventure
वक्त.........
वक्त निकाल गया आगे ,
और बहुत कुछ पीछे छूट गया,
रह गया अधूरा जो घर ख्यालों में बनाया था,
किसी के साथ देखा वो हर एक सपना टूट गया।
बदल गया है अब बहुत कुछ,
पहले जैसा कुछ रहा नही,
ऐसा मुश्किल से ही कोई दिन बीतता था,
जब कोई आंसू आंख से बहा नहीं।
कहने को कह देते हैं बड़ी आराम से लोग
की वक्त के तुम साथ चलो,
असल जिंदगी में कोई देता नही है साथ 
 बस दिखावे का लेके तुम हाथो में हाथ चलो।
प्यार से बांधा था जो रिस्तो का धागा,
 वो जरा सी पकड़ में टूट गया,
बस खुद के सपने सजाने में,
 हर अपना मुझसे रूठ गया,
रह गया अधूरा जो घर ख्यालों में बनाया था,
किसी के साथ देखा वो हर एक सपना टूट गया,
वक्त निकल गया आगे और बहुत कुछ पीछे छूट गया।
जो करना था वो कर ना पाए,
तब क्या पता था ये बस कुछ पल का है खेल,
सबक सीखना था सबसे बड़ा,
तभी तो हुआ था बेजान रिस्तो से मेल।
खो चुके थे हम खुद को ही,
और ये  जानना ही बाकी था,
जहर जिंदगी में मिलाने के लिए,
सांपो को पालना ही काफी था।
जिसको भी माना हमने सही,
वही हमसे गद्दारी करने कूद गया,
किसको कहे अपना, 
अब तो अपनो से ही विश्वाश उठ गया।
रह गया अधूरा जो घर ख्यालों में बनाया था,
किसी के साथ देखा वो हर एक सपना टूट गया,
वक्त निकल गया आगे और बहुत कुछ पीछे छूट गया।

©Kusu Simran #वक्त #Waqt #kusum #kusu_simran #Pichhe #tut #Aage #Anjane #my 

#adventure
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Kusu Simran

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