एक अरसा हुआ जब तूने इश्क जताया होगा और उससे भी कहीं ज्यादा जब पास मेरे आया होगा। तूने सोचा नहीं कुछ भी मेरे बारे में मैंने किस कदर ख्वाबों को सुलाकर दफनाया होगा। तुमको तो सुकून मिलती थी रकीबों के बाँहो में तुझे देखे बिना कैसे मैंने दिल को बहलाया होगा। चल मुझको मुबारक हो ये मेरी बिरानी गालियां और तेरा मुझसे जुदाई मुबारक होगा? -बम्भू एक अरसा हुआ जब तूने इश्क जताया होगा और उससे भी कहीं ज्यादा जब पास मेरे आया होगा। तूने सोचा नहीं कुछ भी मेरे बारे में मैंने किस कदर ख्वाबों को सुलाकर दफनाया होगा। तुमको तो सुकून मिलती थी रकीबों के बाँहो में तुझे देखे बिना कैसे मैंने दिल को बहलाया होगा।