Nojoto: Largest Storytelling Platform

|| श्री हरि: || 78 - ऐश्वर्य 'दादा।' तोक दौड़ता हु

|| श्री हरि: ||
78 - ऐश्वर्य

'दादा।' तोक दौड़ता हुआ आया, किंतु सम्बोधन करके फिर हिचक गया। दाऊ के पास जाकर धीरे से कहा उसने-'दादा । आंधी आ रही है। तू उसे मना कर दे। कनूं सो रहा है न।'

'कहीं आंधी भी कोई मनुष्य या गाय के मना करने से मानेगी।' गोपकुमारों ने कूछ कहा नहीं, पर प्रायः सबकें अधरों पर हास्य आ गया। यह तोक अभी बहुत छोटा जो है-समझता नहीं कुछ।

'तू मेरा नाम लेकर उसे मना कर आ। कह देना कि अभी आयी तो अच्छा नहीं होगा।' यह दाऊ घूंसा दिखा रहा है। बाप रे। इसके घूंसे से आधी तो क्या, आधी का बाप भी मान जायगा।
anilsiwach0057

Anil Siwach

New Creator

|| श्री हरि: || 78 - ऐश्वर्य 'दादा।' तोक दौड़ता हुआ आया, किंतु सम्बोधन करके फिर हिचक गया। दाऊ के पास जाकर धीरे से कहा उसने-'दादा । आंधी आ रही है। तू उसे मना कर दे। कनूं सो रहा है न।' 'कहीं आंधी भी कोई मनुष्य या गाय के मना करने से मानेगी।' गोपकुमारों ने कूछ कहा नहीं, पर प्रायः सबकें अधरों पर हास्य आ गया। यह तोक अभी बहुत छोटा जो है-समझता नहीं कुछ। 'तू मेरा नाम लेकर उसे मना कर आ। कह देना कि अभी आयी तो अच्छा नहीं होगा।' यह दाऊ घूंसा दिखा रहा है। बाप रे। इसके घूंसे से आधी तो क्या, आधी का बाप भी मान जायगा। #Books

Views