आदमी - आदमी से मिलता है , दिल कम जिस्म ज्यादा मिलता है| भूल जाता है पिछली मुलाकात को, फिर वही कर्मकांड करने को मिलता है| भूख ज्यादा बढ़ रही है अब , इश्क़ पानी से कम खून से ज्यादा मिलता है| फूल भी मुरझा जाते हैं प्रेमियों के हाथों में, इस तरह का इश्क आजकल भरपूर मिलता है| दुकानदार हो गए हैं या फिर भाड़े पर आता हैं, इश्क में फसाने वाला सरेआम नजरें मिलाता है| "सुशील" प्रेमियों के हाथों में गुलाब नहीं मिलता, मिलते चाकू छुरी जिंदगी भर साथ नहीं मिलता है| आदमी - आदमी से मिलता है , दिल कम #जिस्म ज्यादा मिलता है| भूल जाता है पिछली मुलाकात को, फिर वही #कर्मकांड करने को मिलता है| भूख ज्यादा बढ़ रही है अब , इश्क़ पानी से कम #खून से ज्यादा मिलता है|