पुरुष के प्रेम और प्रेम वेदना की कोई सीमा नहीं बस व्यक्त नहीं कर पाता वो... स्त्रियां मुक्त हो जाती हैं प्रेम से नयी जिम्मेदारियों में बंधकर उलझ कर नए जन्म लेकर नयी मुस्कुराहटें लेकर... पुरुष विरक्त हो जाता है प्रेम-स्वप्न लिए प्रेमिका की उन एक जोड़ी आँखों का, विरह लिए घूमता रहता है युगों तक अपनी एक जोड़ी आँखों में... No matter how #krishnaholic you are, behaving like #mahadev is hillarious too...#mahadevi #virah ##deepakkanoujia #modishtro