यह मुंबई की दुनिया... यह मुंबई की दुनिया... खिड़कियों से झांकती.. यह अनकही, बेजुबान बेतरतीब हालात बताती झुंझलाई, थकी... कभी इठलाती हुई दुनिया! रंग-रंग की दीवारों से ढ़की चुनी-पुती..