#उदेश्य!! आज जब हमें लोगडाउन मैं घर पर रहना पड़ता है, तो हमें लगता है मानो किसी ने हमें बांधा है!! तब क्यों हम हमारी फीलिंग को किसी झांसे में बांधना जरूरी मानते हैं? रचना का छंदबध होना जरूरी नहीं है, केवल हमारी भावना दूसरे तक पहुंचे यही जरूरी है!! छंदबध करने से हमारे भाव अकलाते हैं, और कभी-कभी तो ठीक से व्यक्त भी नहीं हो पाते है!! फिर भी क्यों हम ऐसा बोझ उठाते हैं, और मुक्त मन से क्यों नहीं लिखते जाते हैं!! खुलकर लिखा करो अपने मन की बातें बस यही उद्देश्य इस रचना का है, जिन्हे क्या हम सीध कर पाते है!! -Pirani Nasrin. -♥️की✍️से... #Night