कर्नाटक नहीं बज्मे संबंधित विवाद के सामने आने वाले के बाद अधिकांश लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं इन सवालों के माध्यम से हम का नाटक में हो रहे परदेस उनका सार्वजनिक और नीतिगत पार्क समझने का प्रयास करते हैं हाल ही में कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 की धारा 133 अनुच्छेद 2 को लागू किया है जिसमें कहा गया कि छात्रों को कॉलेज के मीडिया विश्वविद्यालय प्रशासनिक बोर्ड के द्वारा चुनी गई ड्रेस पहनी होगी सरकार का मत है कि इस ड्रेस को वर्जित किया जाना चाहिए जिससे कानून व्यवस्था भंग होती है और सामान सत्य निष्ठा को भी चोट पहुंचती हो वैसे अब यह मामला कोर्ट के विचार नहीं है रेशम रहने भी नाम कर्नाटक राज्य 2022 के नाम पर केस कर्नाटक हाईकोर्ट में सूचीबद्ध है याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि ही भाजपा एंकर अधिकार इस्लाम में धार्मिक प्रार्थना और राज्य के सचिव करने का अधिकार नहीं है जबकि राज्य सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए संविधान के अनुच्छेद 19 और राज्य के उचित प्रतिबंध लगाने के अधिकार का हवाला देता है भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 धर्म को माना आचरण और प्रचार करने का स्वतंत्र दी गई लेकिन इसमें लिखा हुआ है की व्यवस्था तथा संविधान के भाग तथा अन्य प्रबंधों के अधीन रहते हुए इसको आपका अधिकार मिल सकते हैं अब सवाल यह है कि अनुच्छेद का क्या विवादित आदेश के अंतर्गत माना जाएगा ©Ek villain #हिसाब से संबंधित सार्वजनिक परिवहन #promiseday