ठहरा था वो लम्हा, ठहरे थे वो शाम राहें तकती बैठी थी, गुज़र गए वो सरेआम... टूटा था वो शख्श, टूटे थे वो फ़रमायिशै मिलकर भी पूरी न हो सकी, वो हमारी ख्वाइशें... झूठा था वो आईना, झूठे थे वो चेहरें वक्त तोह बदल गया, गर रेह गए हम अधूरे.... #time vs man...