ये कैसा शहर यहाँ कैसे लोग बसते हैं ये ऐसे कैसे लोग जो कमज़ोरों पर हस्ते हैं एक ज़रा सी साँस के सब यहाँ पियादे हैं ये ऐसे कैसे लोगो पर फिर ताने कसते है किस बात का गुमान कौन हमेशा रहना ये ऐसे कैसे लोग खुद को ताकतवर समझते हैं सोचो तो सब अपने यहाँ और सभी का सब ये ऐसे कैसे लोग फिर अंगारे लिए बरसते हैं पूछूँगा मैं सारिम ऐसी क्या खुदगर्ज़ी है ये ऐसे कैसे लोग जो अपनों को नहीं बख्शते हैं ©Mohammad sarim #duniya #duniyadari #Insaniyat #Qadr