मां देखो ना कितना सजा हूं, मैं अब भी अपनी चौखट पर खड़ा हूं, निहारता खुद को आईने में, देखता कितना मैं खिल रहा हूं, बाल सारे सावधानी से सलोटे है मैंने, मां बोलो ना कितना सुंदर दिख रहा हूं, देखो ना..... तुम्हारी तरह झूठी तारीफ़, अब कोई नही करता, मां बाल अब भी झरते है मेरे, आंवला रीठा कहां कोई सर पे मलता, चेहरा अब सांवला हो गया है, तुम्हारा तरह, कहां कोई डाट के साबुन हैं मलता, नींद से भी अब अनबन हो रही है, तेरी तरह कहां कोई, गले लगा कर मुझे है सुलाता, आंखे अब बंद होने से डरती है, देखो ना कितना अंधकार है दिख रहा, मां क्या मैं तुझको तनिक सा भी नहीं खल रहा। मां देखो ना कितना सजा हूं, मैं अब भी अपनी चौखट पर खड़ा हूं, निहारता खुद को आईने में, देखता कितना मैं खिल रहा हूं, बाल सारे सावधानी से सलोटे है मैंने, मां बोलो ना कितना सुंदर दिख रहा हूं, देखो ना..... तुम्हारी तरह झूठी तारीफ़ अब कोई नही करता,