ए दिल तुझे क्या हो गया किसको देख तू यूं खो गया घर में कैद अरसे से तू रिहा होते ही क्यूं रो गया अपनो को देखा मरते हुए जब ताउम्र के लिए तू सो गया जितने पाप थे अब मिट गए गंगा नहाके मैं सब धो गया जिसे समझा था अपना मैंने 'वत्स' मिरी मौत के बीज बो गया ©Bharat Sharma Vats #होगया