अश्क़ अश्क, बिन बुलाया मेहमान हैं साथ में यादों की पोटली लाता हैं लाकर खड़ा कर देता हैं, सामने रंगीन प्यारी सी पोटली की दुनिया, ये अच्छी तों लगती हैं, पर देखते देखते मेहमान आंखों के सामने ठहरने लगता हैं, दिखता तों हैं, पर सबकुछ धुंधला सा लगता हैं, वो पोटली अपनी सी लगती हैं,पर में छु कर देख नहीं सकतीं, जैसे,सिर्फ महसूस करवाना उस मेहमान अश्क का काम हो, जाते-जाते ये सवाल जवाब दिए बिना चला जाता है,या यूं कहें,दबे पांव मेरे अंदर ही रहता है #Nojotohindi #Meena