ऐ जिंदगी तूने मुझे बिना इजहार ही बेशुमार खुशियां दी तोहफे में हम तो तेरा कर्ज उतारने के भी काबिल नहीं भीगी पलकों से बस तह ए दिल आभार ही प्रकट कर सकता हूं गुजारिश है दिल से उम्मीद है कुबूल करोगी तुम शायर आयुष कुमार गौतम ऐ जिंदगी तूने......................