"कभी-कभी हम गुस्सा-नाराज़गी ज़ाहिर करते वक्त शब्दों का चयन करना भूल जाते है । हम ध्यान ही नही देते की हम जो कह रहे है वो कितना गेहरा जा लगेगा , कितने दिनों तक हथेली में पड़े छालों-सा दुःखता रहेगा।" अपने शब्दों का चयन नाप-तौल कर करें। #शब्दोंकाखेल #शब्दोंकेतीर 🏹 #अपनेपन_से_जख्मी ⚔️ #yourquotediary #yourquotebaba #collbwithme rj rehan roy