पहले आना जाना लगा रहता था तेरे गांव में पर जब से दिमाग हावी हुआ दिल पर दुश्वारियां बढ़ने लगी है संध्या (शाम) भी बेचैन सी है मेरी आजकल और रात मेरी तन्हाईयों में गुजरती है पहले जो शख्स गले मिलते थे आकर वह मेरा हाल भी नहीं पूछते आजकल #meltingdown आशीष रॉय 🇮🇳