तलब भी कोई चीज है कैदी हैं हम सब यहाँ रोश्नी से बने ख्वाब थे दुनिया ने अँधेरों की आदत डाल दी कैसे दूं उसे बद्दुआ बहुत पुराना अपना साथ है जो नसीब में थी नहीं लिखी वो मुराद हमने माँग ली... © abhishek trehan #तलब #कैदी #रोशनी #अँधेरा #बद्दुआ #मुराद #manawoawaratha #yqbaba