पिताजी की लाड़ली और अपनी माँ की परछाईं है तू घर मेे है तू सबसे अज़ीज़ फिर भी क्यूं पराई है तू उम्र छोटी हो या बड़ी भाई को माँ बनके पालती है ज़िम्मेदारी की एक मिसाल बचपन से ही सयानी है तू वैसे तो बड़ी नाज़ुक है तू जैसे कोई मिट्टी की गुड़िया बड़े नाज़ से पली फिर भी इरादों से फौलादी है तू रिवाजों के कांटों मेे भी तू गुलाब बनके महकती है हर आंगन को गुरूर जिसपे ऐसी कोई फूलवारी है तू मेरे लब्जों की क्या बिसात बहेन तेरे किरदार को समेटे जिसे खुद खुदा ने है लिखा वो ग़ज़ल रूहानी है तू DeepMamtasatyawati पिताजी की लाड़ली और अपनी माँ की परछाईं है तू घर मेे है तू सबसे अज़ीज़ फिर भी क्यूं पराई है #rakshabandhan #Rakshabandhanquotes #poetry #लाड़ली_बहन #nojotofilmsnojotooriginals