सोचता हूँ, वो तस्वीर आँखों से कैसे उतरेगी !! अब एक पल नही गुज़रता,सारी ज़िन्दगी बिन तेरे कैसे गुज़रेगी !! फासला होना है एक दिन ये जनता हूँ मैं भी, पर उस पल की दास्तान कहर बनके उतरेगी !! अब तो बस इसी उम्मीद में बैठा हूँ, तुम आओगी और ज़िन्दगी फिर से संवरेगी !! सोचता हूँ, वो तस्वीर आँखों से कैसे उतरेगी !! अब एक पल नही गुज़रता,सारी ज़िन्दगी बिन तेरे कैसे गुज़रेगी !! फासला होना है एक दिन ये जनता हूँ मैं भी, पर उस पल की दास्तान कहर बनके उतरेगी !! अब तो बस इसी उम्मीद में बैठा हूँ, तुम आओगी और ज़िन्दगी फिर से संवरेगी !!