White उजाले को उजागर कर मेरे भगवान तू। हटाकर धुंध की चादर, धुंआ मैदान तू । हमारी मंद बुद्धि में जगा,तू प्रेम का दीपक, जलाकर खाक कर देना, झूठी पहचान तू। अंधेरे ने हमें घेरा, कहां जाकर तुझे ढूंढे, किसे फ़रियाद करनी है,कहां मंदिर मसीह ढूंढे, स्याह रंग हो गया काला, मचा कोहराम चारों ओर, पुकारें, चीख आवाजें, तबाही दिख रही हर छोर, स्थाई मानकर खुद को, तुझे मेहमान कहता है। कहां तू छुप गया जाकर, मेरे भगवान कैसा है। तू तब भी था, और अब भी है, खुदा रहमान तू। उजाले को उजागर कर, मेरे भगवान तू । ©Senty - Poet #sad_quotes #नोजोटो #story #ibadat #Poetry #poem