१२२//१२२//१२२//१२२ नजर से नजर का नजारा करेगें भरी बज्म में हम इशारा करेगें//१ बनाना तुझें जुर्म है दोस्त अपना यही जुर्म तो हम दुबारा करेगें//२ अगर हो सके तो हमें साथ ले लो सफर में तुम्हारा सहारा करेगें//३ पशेमान होकर मिलेगा हमें क्या खुदा ने जो दी है गुजारा करेगें//४ गली में बनाएँगे तेरे मकां हम हरिक दर्द का फिर इजारा करेगें//५ सियासत की चलने लगीं है हवाएं गरीबो को नेता पुकारा करेगें//६ बहुत नाज करते हो जिसका "शिवाजी किसी रोज तुमसे किनारा करेगें//७ ______________________शिवाजी सेन "गोल्ड" ©Shiva Ji Sen Gold मापनी____________________ १२२//१२२//१२२//१२२ नजर से नजर का नजारा करेगें भरी बज्म में हम इशारा करेगें//१ बनाना तुझें जुर्म है दोस्त अपना यही जुर्म तो हम दुबारा करेगें//२