क्या किसी को जिंदगी का एक अहम हिस्सा बनाने से पहले यह जानना जरूरी नहीं कि क्या वो तुम्हारे साथ खुलकर मुस्कुराएगा, क्या कभी तुम्हारे बिनकहे, शायद तुम्हें कुछ कहना है यह समझ पाएगा, क्या ये जानना जरूरी नहीं कि क्या वो तुम्हारी नादानी भारी हरकतों को झेल पाएगा या फिर वही एक बात कह जाएगा बस करो अच्छा नहीं लगता, क्या कभी वो समझ पाएगा कि तुम भी बराबर के प्यार की हकदार हो, क्या यह जान लेना जरूरी नहीं कि वो आंखें जो तुम्हें देखा करती है वो आंखें आखरी बार कब नम हुई थी, क्या ये जान लेना जरूरी नहीं की, कभी एक शाम तुम बस बोलना चाहो क्या वो तुम्हें सारी रात सुन पाएगा, क्या वो तुम्हारे मासूमियत भरे जज्बातों को समझ पाएगा, क्या किसी के चहरे पर अपना दिल हारने से पहले ये जान लेना जरूरी की उस चहरे मै किस बात का गुरूर है अपनी सूरत या सीरत का, क्या कभी किसी के साथ ज़िन्दगी भर साथ चलने का फैसला लेने से पहले ये जान लेना जरुरी नहीं कि क्या वो तुम्हें जैसी तुम हो वैसे अपना पाएगा या वहीं समाज की तरह बदलने की कोशिश कर जाएगा, क्या उसका तुम्हारे करीब आने से पहले ये जानलेना जरूरी नहीं की तुम्हें वो बर्फ से ढके पहाड़ वादिया पसंद है या किसी समुन्द्र के किनारे हल्के से तुम्हारे बालों को उड़ाती हवा पसंद है, क्या उसे अपना बनाने से पहले ये जान लेना जरूरी नहीं की क्या वो तुम्हारे सपनों को बराबर की अहमियत दे पाएगा, क्या ये जान लेना जरूरी नहीं की क्या वो तुम्हे तुम्हारी तरह प्यार इज्जत अहमियत दे पाएगा.......to be continued ❣️ #Kya kisi ko