जमीन के टुकड़ों की दौलत.. कुछ पल की है, हसीन से मुखड़ों की रौनक.. कुछ पल की है, तू समझकर, अति समझदार सा भले ही दिख, यह ताज़ी चमकती शोहरत.. कुछ पल की है! कवि आनंद दाधीच,भारत🇮🇳 ©Anand Dadhich #दौलत #भरम #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoets #eveningthought