रातों से मोहब्बत कुछ इस कदर है, मुझे जहाँ लोग रजाई ओढ़ कर सोते हैं, और हम चाँद से बाते करते - करते सुबह हो जाती है।। लेखक : विजय सर जी ©शायर विजय सर जी #Dard