White कुछ बातें जरूरी होकर भी अधूरी है, कुछ बातें कहना चाह कर भी खामोशियों में कैद है, यह कैद कब छूटेगा, कब आजादी का दामन मिलेगा, सब्र रखते रखते सब्र ही खो बैठे हैं, सब्र को कब सब्र मिलेगा! रूठे को मनाना मुश्किल है,मैं खुद से रूठती जा रही हूं! खुद को खोजना मुश्किल है, मैं और डूबती जा रही हूँ!! ©Suman Banshiwal #sad_quotes सब्र